किताबों की बस्ती है
किताबों की बस्ती है, यही मेरी हस्ती है
शब्दों की दुनिया में, बसी मेरी जिंदगी है।
पन्नों पर लिखी ये कविताएं, कहानियाँ,
अतीत की घटनाएं और भविष्य के सपने,
मेरे दिल की धड़कनें हैं,
इनमें बसी स्मृतियाँ, मेरे जीवन की यादें हैं।
इसके हर अल्फाज़ की नगरी में छुपा,
मेरा अपना खुदका सवाल जवाब है,
इस मतलबी दुनियां से कोसों दूर जहां पर
मुझे मिलता मन का सुकून है।
किताबों की खुशबू, मेरे दिल को भाती है,
किताबों की प्रेमी हूं, यही मेरी सच्ची साथी है।
— सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार