Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2024 · 1 min read

4433.*पूर्णिका*

4433.*पूर्णिका*
🌷 जीवन में कुछ करना पड़ता है🌷
22 22 22 22 2
जीवन में कुछ करना पड़ता है ।
अनचाहा कुछ करना पड़ता है ।।
शिखर यहाँ छूते आगे बढ़ते ।
रख अरमां कुछ करना पड़ता है।।
मानो तो हर काम सरल संभव।
ठान यहाँ कुछ करना पड़ता है ।।
खिलते फूल महकती है बगियां।
चहके मन कुछ करना पड़ता है।।
साथ निभाते हाथ पकड़ खेदू।
दे खुशियाँ कुछ करना पड़ता है।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
24-09-2024 मंगलवार

85 Views

You may also like these posts

मुक्त पंथी
मुक्त पंथी
Mahender Singh
💗 चाँद कहूं तो छुप जाओगे 💗
💗 चाँद कहूं तो छुप जाओगे 💗
Rituraj shivem verma
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
ग़म से बहल रहे हैं आप आप बहुत अजीब हैं
ग़म से बहल रहे हैं आप आप बहुत अजीब हैं
Ritesh Deo
यादों का अंतहीन
यादों का अंतहीन
Dr fauzia Naseem shad
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
DrLakshman Jha Parimal
!! वैश्विक हिंदी !!
!! वैश्विक हिंदी !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
दिवाली त्योहार का महत्व
दिवाली त्योहार का महत्व
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ଭଗବାନ କିଏ
ଭଗବାନ କିଏ
Otteri Selvakumar
लब्ज़ परखने वाले अक्सर,
लब्ज़ परखने वाले अक्सर,
ओसमणी साहू 'ओश'
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
ruby kumari
राख के धुंए में छिपा सपना
राख के धुंए में छिपा सपना
goutam shaw
गीत- निराशा भूल जाऊँगा...
गीत- निराशा भूल जाऊँगा...
आर.एस. 'प्रीतम'
वंश वृक्ष
वंश वृक्ष
Laxmi Narayan Gupta
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
Ranjeet kumar patre
वंचित है
वंचित है
surenderpal vaidya
कोपर
कोपर
Dr. Kishan tandon kranti
निगाहों से
निगाहों से
sheema anmol
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
अंसार एटवी
ये खत काश मेरी खामोशियां बयां कर पाती,
ये खत काश मेरी खामोशियां बयां कर पाती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चिरैया पूछेंगी एक दिन
चिरैया पूछेंगी एक दिन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
2581.पूर्णिका
2581.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डर
डर
ओनिका सेतिया 'अनु '
*सुख-दुख के दोहे*
*सुख-दुख के दोहे*
Ravi Prakash
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
लक्ष्मी सिंह
खाने में थूक! छी
खाने में थूक! छी
Sanjay ' शून्य'
नजाकत का भ्रम पाल करके रखिए।
नजाकत का भ्रम पाल करके रखिए।
Dr.sima
"ज्ञ " से ज्ञानी हम बन जाते हैं
Ghanshyam Poddar
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
Loading...