कितना चाहते हैं तुमको

कितना चाहते हैं तुमको, यह बतायेंगे हम।
सच के सिवा तुमको, ना कुछ कहेंगे हम।।
कितना चाहते हैं तुमको———————-।।
जैसे कि प्यार है फूलों को महक से।
जैसे आशा है दीपक को चमक से।।
ऐसी ही उम्मीद, तुमसे करते हैं हम।
कितना चाहते हैं तुमको————–।।
तेरे हंसने से चलती है, बहार दिल में।
तेरे रोने से होती है, जान मुश्किल में।।
देख नहीं सकते, तुमको दुःखी हम।
कितना चाहते हैं तुमको————-।।
उम्रभर के लिए, हमसफर तू ही है।
मेरा ख्वाब तू ही है, हमदम तू ही है।।
ना कभी तेरे बिना, रह पायेंगे हम।
कितना चाहते हैं तुमको————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)