शिव नाम स्तुति

जटा जूट धारी शिव, दिगम्बराय।
गलमुण्डमाला भस्मांगरागाय।।
देवाधिदेव, अनघ, प्रमथनाथाय।
मंगलदाता भव, विघ्नेश्वराय।।
रुद्र रूप विकराल उग्र, वीरभद्राय।
श्मशानवासी नागेन्द्रहाराय।।
त्रिनेत्रधारी, हवि, जगतधिताय।
कैलाशपति, भोले, गंगाधराय।।
डमरूधारी, अज, नंदीश्वराय।
नीललोहित, महेश, नागाननाय।।
वीर वीराय नमः बागेश्वराय।
निराकार, ओम् कार, जटाधराय।।
गले सर्प माला नागेश्वराय।
कर्पूरगौरं मृड, बाघाम्बराय।।
औघड़दानी, हरि, भूतेश्वराय।
उमापति, महादेव, नीलकंठाय।।
त्रैलोक्यपति, भर्ग, वृषभध्वजाय।
नंदीश्वर, शंकर, महेश्वराय।।
आदिदेव, कपर्दी, विश्वेश्वराय।
सोमेश्वर, पुष्कर, त्रिलोचनाय।।
रामपूज्य शर्व, रामेश्वराय।
पिनाकी, महेश्वर,शशिशेखराय।।
अनादिदेव, हर, सत्य सनातनाय।
विश्वनाथ, शंभू, भीमेश्वराय।।
कपाली, सदाचार, पिनाकहस्ताय।
गौराधिपति, अर्द्धनारीश्वराय।।
महाकाल, रूद्रनाथ होते सहाय।
जो भजते सदा ॐ नमः शिवाय।।
दोहा
हर दिन नियमित जो भजे, महादेव का नाम।
खुशियाँ आतीं हैं सदन,मिटते कष्ट तमाम।।
औघड़दानी से बड़ा,जग में न दयावान।
जल का इक लोटा चढ़ा,पा लो हर वरदान।।
स्वरचित रचना-राम जी तिवारी”राम”
उन्नाव (उत्तर प्रदेश)