यै चांद जरा रुक,

यै चांद जरा रुक,
मेरा चांद भी आने वाला है दीदार करले तू।
चांदनी रात में वो भी, चमकता है तेरे जैसा।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”
यै चांद जरा रुक,
मेरा चांद भी आने वाला है दीदार करले तू।
चांदनी रात में वो भी, चमकता है तेरे जैसा।
बृन्दावन बैरागी”कृष्णा”