कलित काशी है गंगा है औ गौरा हैं औ हैं गणपति,

कलित काशी है गंगा है औ गौरा हैं औ हैं गणपति,
मेरे भोले हैं अवढरदानि इससे विश्व है अवगत,
सरस कविता के गंगाजल को हिय काॅंवर में लाई हूॅं
मैं इस अवसर पे भोले तुमसे कुछ लेने को आई हूॅं।
अनामिका तिवारी अन्नपूर्णा ✍️