अच्छा हम कोई प्रण करें

अच्छा हो कि नववर्ष में, अच्छा हम कोई प्रण करें।
छोड़कै सभी बदकर्म हम, सत के पथ पे कदम धरे।।
अच्छा हो कि नववर्ष में———————-।।
अपनी खुशी के साथ हम, मांगें खुशी औरों की भी।
अपने भले के साथ हम, करें भलाई औरों की भी।।
दे दुहा हमें हर कोई, हम दर्द औरों का कम करें।
अच्छा हो कि नववर्ष में——————–।।
नहीं कोई दुश्मन है अपना, हर कोई यहाँ अपना है।
जो ख्वाब है अपनी आँखों में, सबका यही सपना है।।
सपनें साकार सभी के हो, दिल से दुहा ऐसी हम करें।
अच्छा हो कि नववर्ष में———————।।
हम हो मुसीबत में अगर, फिर भी ना भूलें धर्म हम।
नहीं छोड़े सच का दामन, नेकी से नहीं हटाये कदम।।
महकाये फूल मुरझे हुए, अपना लहूदान उनको हम करें।
अच्छा हो कि नववर्ष में———————-।।
ना किसी घर का चिराग बुझाये, ना आशियाँ उजाड़े किसी का।
यहाँ सबकी आन- शान रहे और, ना सम्मान कम हो किसी का।।
चैनो-अमन यहाँ वतन में रहे, कुर्बान जीवन वतन पे हम करें।
अच्छा हो कि नववर्ष में———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)