221 2121 1221 212

221 2121 1221 212
हम ग़म उठाते हैं वो जनाज़ा उठाते हैं
अब आगे-आगे देखिये क्या-क्या उठाते हैं
लेखक – ज़ुबैर खान……..✍️
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हम ग़म उठाते हैं वो जनाज़ा उठाते हैं
अब आगे-आगे देखिये क्या-क्या उठाते हैं
लेखक – ज़ुबैर खान……..✍️