दुर्गडोंगरी बालोद

कुल 3527 वर्ग किलोमीटर भू-भाग में फैले 5 प्रखण्डों, 8 नगरों और 698 ग्रामों की आबादी वाला छत्तीसगढ़ का बालोद जिला अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। दल्लीराजहरा सहित जिले भर में फैली हरियाली युक्त सुरम्य वातावरण पर्यटकों का मन मोह लेता है। इसी कड़ी में एक अद्भुत जगह है- दुर्गडोंगरी। यह प्रकृति प्रेमियों और रोमांच पसन्द करने वालों के लिए बेहद खास है।
दुर्गडोंगरी में किल्लेवाली मन्दिर स्थित है, जो धार्मिक आस्था का केन्द्र है। यह डौंडी प्रखण्ड के ग्राम कोटागॉंव के निकट हरे-भरे वनों के बीच ऊँचाई पर अवस्थित है। यहाँ की प्राकृतिक छटा दर्शनीय और काफी मनमोहक है, जो मन को सुकून, शान्ति और ऊर्जा से भर देता है। यही खासियत इस स्थल को अविस्मरणीय स्वरूप प्रदान करता है।
प्रकृति की गोद में बसा दुर्गडोंगरी में सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा अत्यन्त मनोहारी प्रतीत होता है। आसपास फैले घने जंगल, प्रशान्त वन-पथ, बोईरडीह जलाशय का सुन्दर दृश्य और दूर-दूर तक फैली दल्लीराजहरा और महामाया की पहाड़ियाँ इसके सौन्दर्य में अभिवृद्धि करती है। वर्षाऋतु में यहाँ की हरियाली अद्वितीय होती है। इससे यह स्थान अत्यधिक रमणीय और आकर्षक लगने लगता है।
वहाँ जाकर देखने से महसूस होता है कि दुर्गडोंगरी का किल्लेवाली मन्दिर तक पहुँचने का सफर भी कम रोमांचक नहीं है। दल्लीराजहरा से महामाया रोड होते हुए तकरीबन 6 मील का सफर तय करने के बाद इसका प्रवेश द्वार मिलता है। मन्दिर तक जाने के लिए आरम्भ में सी.सी.रोड, फिर सीढियाँ और अन्त में कच्ची पगडण्डी पार करते हुए पहुँचा जा सकता है। यह स्थल पर्यटकों को अपनी ओर बारम्बार खींचता है।
दुर्गडोंगरी का अनुपम सौन्दर्य देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि प्रकृति ने सबसे पहले अपनी आँखें यहीं खोली होगी। यहाँ पर किसी दौर में एक भव्य किला था, जिसके अब केवल अवशेष रह गए हैं। किले के अवशेषों के साथ ही यहाँ किल्लेवाली माता का मन्दिर है, जो जन- आस्था का केन्द्र बन चुका है। हर मौसम में लोग वहाँ दर्शन के लिए जाते हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुषमा, पहाड़ियों की ऊँचाई, जलाशय का मनोहारी दृश्य और रोमांचक चढ़ाई इसे एक अनूठा और अविस्मरणीय पर्यटन स्थल बनाते हैं। मसलन :
आज के नये दौर में लगता
कि सारा जहां है घर में,
लेकिन मयस्सर हो तो कभी
घूमके दुनिया देखो दोस्त।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
साहित्य और लेखन के लिए
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।