Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
2 Apr 2024 · 1 min read

*कुछ संकलन*

१. रघुकुल रीति सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई ।

२। सच कहना यदि बगावत है तो
समझो हम भी बागी हैं ….

३। सजन रे झूठ मत बोलो
खुदा के पास जाना है।
न हाथी है, न घोड़ा है
वहां पैदल ही जाना है..

४. सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी
सब कुछ सिखा हमने न सीखी होशियारी.

५. झूठ बोले कौआ काटे
काले कौए से डरियो …
बस इतना ही*
****************************************
प्रस्तुति- घनश्याम पोद्दार
मुंगेर

Loading...