ग़ज़ल

ग़ज़ल
हो गया साथ का है असर आपका
आ ग़ज़ल में गया है हुनर आपका
आइना देखकर हम तो हैरान हैं
चेहरा अपना भी आता नज़र आपका
आपके प्यार में कुछ कमी जब नहीं
फिर भी जाता न दिल से है डर आपका
छोड़ जा तो रहे हो हमें राह में
पर न आसान होगा सफ़र आपका
देखकर भी समझते हो कुछ भी नहीं
ध्यान रहने लगा है किधर आपका
हम भले आपके हो न पाये कभी
दिल हमारा रहेगा मगर आपका
‘अर्चना’ ज़िन्दगी ही सँवर जाएगी
हाथ में हाथ होगा अगर आपका
डॉ अर्चना गुप्ता