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17 Feb 2025 · 3 min read

सूरत में ऐतिहासिक कलश यात्रा: भक्ति, सामाजिक समरसता और बाल व

सूरत में ऐतिहासिक कलश यात्रा: भक्ति, सामाजिक समरसता और बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया की अनूठी वाणी का अद्भुत संगम

श्रीमद् भागवत कथा के दिव्य उद्घाटन में सबसे कम उम्र की अंतरराष्ट्रीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया ने बिखेरी आध्यात्मिक आभा

सूरत, गुजरात

सूरत की पावन धरती पर एक अद्वितीय आध्यात्मिक दृश्य का साक्षात्कार हुआ, जब संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा (साप्ताहिक ज्ञान महायज्ञ) के शुभारंभ अवसर पर एक भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। सचिन स्थित राम रामेश्वर मंदिर से कुबेर भंडारी मंदिर तक निकली यह यात्रा भक्ति, श्रद्धा और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम बन गई।

इस ऐतिहासिक यात्रा की सबसे बड़ी विशेषता थी विश्व की सबसे कम उम्र की अंतरराष्ट्रीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया (गोरक्ष धाम) की उपस्थिति, जिन्होंने अपनी मधुर वाणी और दिव्य आशीर्वाद से कथा का उद्घाटन किया और वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। इस आयोजन में सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ जी महराज (धरा धाम इंटरनेशनल) का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन इस आयोजन को और भी विशेष बना गया।

🌺 कलश यात्रा: नारी शक्ति की आस्था का प्रतीक

कलश यात्रा में सैकड़ों महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर कलश धारण कर भाग लिया। ‘हरे कृष्ण-हरे राम’ और ‘राधे-राधे’ के मंत्रों से गूंजता हुआ मार्ग भक्ति भाव से सराबोर हो गया। छोटे बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बने और उत्साह के साथ यात्रा में शामिल हुए। रास्ते में जगह-जगह पुष्पवर्षा ने इस यात्रा को यादगार बना दिया।

🌿 बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया: मासूमियत में आध्यात्मिक ज्ञान का सागर

आठ वर्षीय श्वेतिमा माधव प्रिया ने अपनी मधुर वाणी में श्रीमद् भागवत महापुराण के दिव्य प्रसंग सुनाए, जिससे श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। उनके द्वारा सुनाए गए श्रीकृष्ण लीला, नंदोत्सव और रुक्मिणी विवाह के प्रसंगों ने श्रोताओं को भक्ति में डुबो दिया। श्वेतिमा का संदेश था:

“धर्म का सच्चा रूप वही है, जो प्रेम, करुणा और एकता सिखाए। श्रीमद् भागवत कथा केवल कहानी नहीं, बल्कि जीवन को सच्चे मार्ग पर ले जाने का अमृत है।”

🤝 धार्मिक आयोजन में सामाजिक सौहार्द का संदेश

इस आयोजन ने फिर से यह सिद्ध कर दिया कि धर्म का उद्देश्य समाज को जोड़ना है, तोड़ना नहीं। सामाजिक समरसता संस्था के अध्यक्ष ई. राहुल सिंह और श्रुति सिंह ने कहा, “यह कलश यात्रा समाज को जोड़ने की प्रेरणा है। धर्म का सार मानवता की सेवा में निहित है।”

🙏 आयोजन को सफल बनाने वाले समर्पित सहयोगी

इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में कई गणमान्य जनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:

आचार्य गौरव पांडे, डॉ. डी.आर. रेवाला, सुशील सिंह, डॉ. ए.के. सिंह, संदीप दीक्षित, कौशल दुबे, जितेंद्र सिंह, जगदीश सहानी, मिथलेश जी, राजमणी पांडे और राकेश भाई शर्मा समेत कई अन्य गणमान्य लोगों का योगदान रहा।

राम रामेश्वर मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अखिलेश शर्मा, प्रकाश भाई, विजय शर्मा और लाल बाबू शर्मा का विशेष सहयोग रहा।

आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में मदन मोहन मालवीय, आकाश, डॉ. रागिनी पांडे, शुभम सिंह, कृष्णा सिंह, नेहा, राम आशीष पांडे, प्रदीप और दीप नारायण की उपस्थिति भी सराहनीय रही।

🌸 भक्ति, अध्यात्म और एकता का अमिट प्रभाव

यह कलश यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं रही, बल्कि समाज में ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के सिद्धांत को भी साकार किया। महिलाओं की श्रद्धा, युवाओं का जोश और बच्चों की मासूम भक्ति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।

संदेश:
यह आयोजन एक बार फिर सिद्ध करता है कि धर्म का उद्देश्य मनुष्यों को जोड़ना है, तोड़ना नहीं। सूरत की इस भव्य यात्रा ने भक्ति, मानवता और सामाजिक समरसता का जो संदेश दिया, वह लंबी अवधि तक प्रेरणा देता रहेगा।

📖 अगली कथा के लिए उत्सुकता

श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा और बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया की मधुर वाणी को सुनने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में एकत्रित हो रहे हैं। आगामी दिनों में सूरत में अध्यात्म और भक्ति की यह गंगा और प्रवाहित होगी।

रिपोर्ट: सूरत विशेष संवाददात

Language: Hindi
29 Views
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