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12 Aug 2024 · 1 min read

सावन का ,

सावन का ,
बरसना जारी है।
लग रही,
सारी धरा प्यारी है ।।
नभ से
मेघ निकल रहे _
बिजलियों का लेकर संग।
जल धाराएं ,
बह चली न्यारी है ।।
_राजेश व्यास “अनुनय”

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