*आया धन तो साथ में, लाया अशुभ विचार (कुंडलिया)*

आया धन तो साथ में, लाया अशुभ विचार (कुंडलिया)
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आया धन तो साथ में, लाया अशुभ विचार
घर ही मानों हो गया, मयखाने का द्वार
मयखाने का द्वार, शर्म-लज्जा सब त्यागी
मदिरा का रसपान, प्यास घर-भर की जागी
कहते रवि कविराय, अमर्यादित सब भाया
पिता-पुत्र को साथ, पैग मदिरा का आया
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451