गैर वतन में रहकर तुम चाहे लाखों कमा लोगे ।

गैर वतन में रहकर तुम चाहे लाखों कमा लोगे ।
मगर अपने वतन से मिली इज्जत कहीं न पाओगे ।
क्यों उम्र भर जमा की हुई जमा पूंजी बूढ़े मां बाप की ,
खर्च करते हो तुम झूठी शान शौकत में, क्या मिलेगा !
ठुकराएंगे कभी तो याद रखो,तुम कहीं के न रहोगे ।