सुगम नहीं संसार में, मार्ग प्रीति का मीत ।

सुगम नहीं संसार में, मार्ग प्रीति का मीत ।
साथ मिलन के गूँजते, यहाँ विरह के गीत ।
अन्तर्मन की आँधियाँ, चंचल मन का शोर –
हार जीत स्वीकार में, मधु पल जाते बीत ।
सुशील सरना /
सुगम नहीं संसार में, मार्ग प्रीति का मीत ।
साथ मिलन के गूँजते, यहाँ विरह के गीत ।
अन्तर्मन की आँधियाँ, चंचल मन का शोर –
हार जीत स्वीकार में, मधु पल जाते बीत ।
सुशील सरना /