करम
सच्चा ज्ञानी तो सदा, देता सच का साथ।
ज्ञान मान करता नही, गाता कब निज गाथ।।
गाता कब निज गाथ, निराशा दूरी रखता।
पक्षपात से दूर,मधुर फल जीवन चखता।।
रखे नाथ विश्वास, करम करता ज्यों बच्चा।
बॉंट मनुज वो ज्ञान, सही होता जो सच्चा।।
©®✍️ अरुणा डोगरा शर्मा
मोहाली।
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