चाँद भी देखा,

चाँद भी देखा,
देखे अनगिनत तारे
फूल भी देखा
बादल, बिजली,
तितली, जुगनू देखे सारे
कोई नही है ऐसा
तुम्हारे कशिश ए हुस्न जैसा
हिमांशु Kulshreshtha
चाँद भी देखा,
देखे अनगिनत तारे
फूल भी देखा
बादल, बिजली,
तितली, जुगनू देखे सारे
कोई नही है ऐसा
तुम्हारे कशिश ए हुस्न जैसा
हिमांशु Kulshreshtha