sp76चलते रहेंगे मेले बढ़ते रहेंगे रेले
sp76 चलते रहेंगे मिले
चलते रहेंगे मेले बढ़ते रहेंगे रेले
आएगा मोड ऐसा होंगे सभी अकेले
मत सोचो बिन तुम्हारे कोई कमी रहेगी
दुनिया यूं ही रही है दुनिया यूं ही रहेगी
कब किसका साथ छूटे ये जानता ना कोई
आत्मा है एक सब में सच मानता ना कोई
गिनती की चंद आंखों में बस नमी रहेगी
दुनिया यूं ही रही है दुनिया यू ही रहेगी
गिरने का डर है हर पल चलना संभल संभल के
व्यापार का यह युग है फिसलन बहुत गजब है
पैरों के नीचे जब तक काई जमी रहेगी
दुनिया यूं ही रही है दुनिया यूं ही रहेगी
फुर्सत मुझे नहीं है सबका है यह बहाना
कब तक सफर चलेगा ये किसी ने न जाना
यह भीड़तंत्र वाली रौनक जमी रहेगी
दुनिया यूं ही रही है दुनिया यूं ही रहेगी
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
यह भी गायब वह भी गायब