प्रार्थना-हे प्रभु हमकों ले लो शरण में- रचनाकार अरविंद भारद्वाज

प्रार्थना
हे प्रभु हमें ले को शरण में
करके समर्पित तन-मन अपना, तेरी छाँव तले हम रहते हैं
हे प्रभु हमकों ले लो शरण में, निश्छल मन से कहते हैं
आनन्द दाता भाग्य विधाता, तू ही सबका सहारा हैं
विद्या रुपी दान दो हमकों, तू ही पालनहारा हैं
तेरी ज्ञान की गंगा में मालिक,खुशियों के मोती बहते हैं
हे प्रभु हमकों ले लो शरण में,निश्छल मन से कहते हैं
सत्कर्मों का फल पाँए हम, जन -जन का उपकार करें
मात- पिता की सेवा करके, गुरुजन का सत्कार करें
तेरी कृपा बिन ए भगवन, अंधकार जगत में सहते हैं
हे प्रभु हमकों ले लो शरण में, निश्छल मन से कहते हैं
नई उमंग और जोश हमें दे, राष्ट्र का ऊँचा नाम करें
विकसित भारत बने हमारा , हम ऐसा कुछ काम करें
नाम तेरा सुमिरन से ही प्रभु, दुख के किले भी ढ़हते हैं
हे प्रभु हमकों ले लो शरण में, निश्छल मन से कहते हैं
© अरविन्द भारद्वाज