*बोली पर अंकुश रखो, सीखो शिष्टाचार (कुंडलिया)*

बोली पर अंकुश रखो, सीखो शिष्टाचार (कुंडलिया)
________________________
बोली पर अंकुश रखो, सीखो शिष्टाचार
घोर विरोधी हो भले, पर हो मृदु व्यवहार
पर हो मृदु व्यवहार, आचरण कभी न खोना
कड़वी बातें बोल, क्रुद्ध हर्गिज मत होना
कहते रवि कविराय, भरो पुष्पों से झोली
सदा लुटाओ गंध, वसंती रखना बोली
_रचयिता: रवि प्रकाश_
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451