“तिनका आशा का”

कि हिम्मत हार न जाना अभी उम्मीद बाकी है,
ये महफिल छोड़ ना देना अभी ईक गीत बाकी है।
बहारों इस कदर फेरो न अपनी आंख मुझसे तुम,
अभी गुलशन में खिलने के लिए ईक फूल बाकी है।
कि हिम्मत हार न जाना अभी उम्मीद बाकी है,,,,,,
कोई गिला-शिकवा नहीं तुमसे मुझे ए दोस्त,
मैं हारा हूं हमेशा पर अभी ईक जीत बाकी है।
कि हिम्मत हार न जाना अभी उम्मीद बाकी है,,,,,,
कि लाखों उंगलियां उठती थी मेरी सोच पर हरदम,
कश्ती आ गई मझधार, अभी ईक मौज बाकी है।
कि हिम्मत हार न जाना अभी उम्मीद बाकी है,,,,,,
धीरज धरो थोड़ा अंधेरा छठ ही जाएगा
काली घटा के बाद सवेरा लौट आएगा ,
अंतःकरण में ज्ञान का दीपक जो बाकी है।
कि हिम्मत हार न जाना अभी उम्मीद बाकी है,,,,,,
मैं बिल्कुल मर गया हूं ये समझ कर छोड़ ना देना,
ज़रा तुम गौर से देखो अभी ईक सांस बाकी है।
कि हिम्मत हार न जाना अभी उम्मीद बाकी है,
ये महफिल छोड़ ना देना अभी ईक गीत बाकी है।,,,,,