Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2024 · 1 min read

सर्जिकल स्ट्राइक

बंद कलम को मिल गई, ताजी नई खुराक।
कानों में जैसे पड़ा, छप्पन इंची धाक।।

मंगल ही मंगल रहा, शुभ मंगल है आज।
गढ़ दुश्मन का हिल गया, ढ़ाया कहर मिराज।।

नवल हर्ष उल्लास का, आज वीरता पर्व।
वीर सैनिकों पर हमें, सदा रहेगा गर्व।।

पवन पुत्र हनुमान जी, गोले उगले आज।
मोदी जी ने कर दिया,रिपु का उचित इलाज।।

दुश्मन की लंका जला,घर आये बजरंग।
सदमे में लाहौर है, पेशावर है दंग।।

जख्मों को मरहम लगा, गर्वित माँ का भाल।
भारत माँ के शेर ने, रिपु को किया हलाल।।

दुखते घावों को मिला, अब थोड़ा आराम।
वायु सैनिकों आपको, सादर कोटि प्रणाम।।

नमन शहीदों को करो, सेना की जयकार।
घुस कर पाकिस्तान में, किया शत्रु को क्षार।।

जय मोदी जी बोलिये, जय भारत सरकार।
दुश्मन को दहला दिया, ऐसा किया प्रहार।।

-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
145 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

मुकाम
मुकाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हिदायत
हिदायत
Dr. Rajeev Jain
യാത്രാമൊഴി.
യാത്രാമൊഴി.
Heera S
एक  दूजे के जब  हम नहीं हो सके
एक दूजे के जब हम नहीं हो सके
Dr Archana Gupta
चुप रहना भी तो एक हल है।
चुप रहना भी तो एक हल है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
प्यारे मोहन
प्यारे मोहन
Vibha Jain
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
किस तरिया रोने तै डट ज्या बैठा बाजी हार के
Baldev Chauhan
Farishte
Farishte
Sanjay ' शून्य'
सहानुभूति
सहानुभूति
Rambali Mishra
शिक्षक सभी है जो उनको करते नमन
शिक्षक सभी है जो उनको करते नमन
Seema gupta,Alwar
वीकेंड
वीकेंड
Mukesh Kumar Sonkar
Real smile.
Real smile.
Priya princess panwar
स्वीकार्य
स्वीकार्य
दीपक झा रुद्रा
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मैं ख़ाक से बना हूँ
मैं ख़ाक से बना हूँ
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
आदमी खरीदने लगा है आदमी को ऐसे कि-
Mahendra Narayan
श्राद्ध पक्ष में सनातन संस्कृति का महत्व
श्राद्ध पक्ष में सनातन संस्कृति का महत्व
Sudhir srivastava
शहर में ताजा हवा कहां आती है।
शहर में ताजा हवा कहां आती है।
करन ''केसरा''
छाले
छाले
डॉ. शिव लहरी
*ईश्वर की रचना है धरती, आकाश उसी की काया है (राधेश्यामी छंद)
*ईश्वर की रचना है धरती, आकाश उसी की काया है (राधेश्यामी छंद)
Ravi Prakash
ममत्व की माँ
ममत्व की माँ
Raju Gajbhiye
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सच्चे रिश्ते
सच्चे रिश्ते
Rajesh Kumar Kaurav
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यदि लोग आपको एक अच्छे इंसान के रूप में देखना चाहते हैं, तो व
यदि लोग आपको एक अच्छे इंसान के रूप में देखना चाहते हैं, तो व
पूर्वार्थ
इस बरसात में
इस बरसात में
dr rajmati Surana
अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
अगर कभी तुम्हारे लिए जंग हो जाए,
Jyoti Roshni
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
gurudeenverma198
तुम न आये मगर..
तुम न आये मगर..
लक्ष्मी सिंह
"सफर अधूरा है"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...