Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2025 · 1 min read

जीवन आभूषण,

धन और दौलत,
तेरा है कुछ नही अब,
भ्रम है बस।

सादगी जीवन मे,
भर देते है जीवन रंग,
बस जाए मन।

समझे क्या है,
कुछ नहीं लालच के सिवा,
सत्य असत्य जग।

क्यू तू लड़े,
देख इनकी सुंदर अद्भुत चमक,
पर्दा है बस।

प्यार उनसे कर,
रखे प्राण को मान आभूषण,
हो जाए धन्य।

3 Likes · 33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all

You may also like these posts

बोलो जय सिया राम
बोलो जय सिया राम
उमा झा
3854.💐 *पूर्णिका* 💐
3854.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
पंकज परिंदा
जिसके भीतर जो होगा
जिसके भीतर जो होगा
ruby kumari
.
.
*प्रणय*
संवेदनाओं का क्रंदन
संवेदनाओं का क्रंदन
Ritu Asooja
संसार का स्वरूप
संसार का स्वरूप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
मेरा प्यार
मेरा प्यार
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
अजनबी से अपने हैं, अधमरे से सपने हैं
अजनबी से अपने हैं, अधमरे से सपने हैं
Johnny Ahmed 'क़ैस'
कीमत
कीमत
पूर्वार्थ
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
" सहोदर "
Dr. Kishan tandon kranti
चला जाऊंगा.......
चला जाऊंगा.......
goutam shaw
सत्य की पहचान
सत्य की पहचान
Dr. Vaishali Verma
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
RAMESH SHARMA
आदमी  उपेक्षा का  नही अपेक्षा का शिकार है।
आदमी उपेक्षा का नही अपेक्षा का शिकार है।
Sunil Gupta
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
gurudeenverma198
शक
शक
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Rashmi Sanjay
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
" हौंसला ही साथ देगा ----- "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
अनाथों की आवश्यकताएं
अनाथों की आवश्यकताएं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
मात भारती
मात भारती
Dr.Pratibha Prakash
मजबूरी
मजबूरी
The_dk_poetry
कुछ भी नया नहीं
कुछ भी नया नहीं
Acharya Shilak Ram
“तुम हो तो सब कुछ है”
“तुम हो तो सब कुछ है”
DrLakshman Jha Parimal
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
Shweta Soni
माई कहाँ बा
माई कहाँ बा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
Loading...