कैसे बोलूँ मैं भला, अपने मन की बात।
कैसे बोलूँ मैं भला, अपने मन की बात।
…….ताने देंगे सब मुझे, जब होगा प्रभात।
………..नैनों की ये सुर्खियाँ, बिखरे-बिखरे बाल –
………………..कह देंगे सब बेशरम,कैसी बीती रात।
सुशील सरना
कैसे बोलूँ मैं भला, अपने मन की बात।
…….ताने देंगे सब मुझे, जब होगा प्रभात।
………..नैनों की ये सुर्खियाँ, बिखरे-बिखरे बाल –
………………..कह देंगे सब बेशरम,कैसी बीती रात।
सुशील सरना