तोहफा इश्क़ में
तोहफा इश्क़ में ,बोसा जबीं पर।
दिल आ गया ,बस इक हसीं पर।
पाकीज़गी प्यार की हमने है देखी
मर गये जब इक दिलनशीं पर।
इतनी मासूमियत कि दिल हार गये
देखी नहीं ऐसी हमने कहीं पर।
रूह में उतर गया है कोई ऐसे
जैसे सदियों से रहता था यहीं पर।
वो करते हैं बात, इतनी अदा से
इल्ज़ाम है हमारी, दीवानगी पर।
सुरिंदर कौर