मित्र की पहचान
मित्र की पहचान
जिससे हो हर बात सहज, ऐसा हो जो संग सदा,
अपनेपन की छाँव तले, सच्चा हो जो मित्र बना।
जिसकी वाणी में हो मिठास, मन में बसती हो शुचिता,
साथ निभाए हर मुश्किल में, सच्चरित्र हो जो मित्र बना।
गोपनीयता का जो रखे मान, राज कभी न खोले,
बिना कहे जो समझ सके, दिल की हर अनकही बातों को।
सुख-दुख में जो खड़ा रहे, हर पल साथ निभाने वाला,
जिसकी मुस्कान से मिट जाए, जीवन का हर काला साया।
मित्र वही जो करे प्रेरणा, सत्य-पथ पर चलने की,
झूठ-फरेब से दूर रहे, निंदा से बचने की।
मिल जाए ऐसा भाग्यशाली, जो इस धरा पर विरले हैं,
पुण्यवान है वह इंसान, जिसके जीवन में ऐसे मित्र हैं।
मित्र वही जो साथ चले, जीवन के हर मोड़ पर,
सच्चाई और अपनापन हो, जो हर रिश्ते की जड़ पर।