अब लिखने के लिए बचा ही क्या है?
अब लिखने के लिए बचा ही क्या है?
हमें केवल अनुसरण ही करना,अब रक्खा ही क्या है।
सभी विषयों पर चर्चा हुई है, सभी लिखें गये है।
अपने, अपने विचारों में व्यक्त कर रखा है।
लेकिन हम आदत से मजबूर हो गए हैं।
लिखने की आदत से चकनाचूर हो गये है।
अब अपनी, अपनी समझ से समझ लेना। सभी से नये बर्ष की शुभकामनाएं कहना।