सुरों का बेताज बादशाह और इंसानियत का पुजारी ,
सुरों का बेताज बादशाह और इंसानियत का पुजारी ,
खुदा का भेजा कोई फरिश्ता , ए रफी ! तेरी महिमा न्यारी ।
सुरों का बेताज बादशाह और इंसानियत का पुजारी ,
खुदा का भेजा कोई फरिश्ता , ए रफी ! तेरी महिमा न्यारी ।