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18 Dec 2024 · 1 min read

नज़ारे नजरों में समा जाते है ।

नज़ारे नजरों में समा जाते है ।
जब गोद में प्रकृति की आते है ।।
मन करता है साथ छोड़े नहीं इनका ।
पर कर्तव्य पथ भी तो बुलाते है ।।
राजेश व्यास ” अनुनय “

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