तु क्यूँ मुस्कुराती है
हुआ एहसास ये मुझको,
कि तु क्यूँ मुस्कुराती है ।
मुझे सोचे ख्यालों में,
फिर तु मुस्कुराती है ।।
मेरे दिल की तु धड़कन है,
ये एहसास दिलाती है ।
मैं तुझसे दूर रहकर भी,
तेरे दिल में ही बसता हूं ।।
तु मेरे दिल की रानी है,
मेरी ये बात तु सुनले ।
ये मेरा दिल भी तेरा है,
तेरे जजबात मेरे है ।।
तु मुझसे क्यों खफा रहती,
ये ललकार तेरा है ।
हुआ एहसास ये मुझको,
कि तु क्यूँ मुस्कुराती है ।।
तेरे दर्दो से वाकिफ हूं,
उन्हें मैं रख चुका दिल मे
तेरे सब राज मेरे हैं,
तेरा ललकार जो मैं हूं ।।
तु मेरी बात भी समझे,
मेरे जजबात भी समझे ।
तु मेरी हर खुशी समझे,
मेरी तु दिल्लगी समझे ।।
ललकार भारद्वाज