भूलना एक प्रक्रिया का नाम है!—मुझे नहीं आती।
भूलना एक प्रक्रिया का नाम है!—मुझे नहीं आती।
मुझे अब भी तमाम पुरानी चीज़ें,याद आती रहती हैं।
अक्सर किसी पुरानी किताब में,कोई चीज़ ढूँढ़ने लग जाता हूँ
जैसे किसी पन्ने पर कोई नाम लिखा हो,या कभी किसी किताब में
कोई डाक टिकट छुपाया हो।।
कई बार माँ से,उस पुरानी साड़ी के बारे में
पूछने लग जाता हूँ,जिसे बचपन में कभी,उसे पहने हुए देखा था।
चीज़ें अब पहले जैसी नहीं रहीं,मेरी स्मृति में बसी पुरानी चीज़ें
कायांतरित हो गई हैं,पर वे मुझे भूलती नहीं।।
लोग बात कहते रहते हैं,कि सब कुछ भूलकर
आगे बढ़ना ही जीवन है।
मैं सोचता हूँ,सब कुछ भूलने के बाद
जो बचेगा,वह जीवन तो न हो सकेगा!।