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4 Oct 2024 · 1 min read

माटी तिहार

माटी होती सदा ही पूजनीय
वही जीवन का आधार,
जनजातीय संस्कृति से जुड़ा
बस्तर का माटी तिहार।

बीज बोने से पहले ही होते
ये बीज पंडुम-तिहार,
पलाश की पोटली में रखते
बीजों का संसार।

पुजारी की उपस्थिति में ही
पुरुष निभाते रस्म,
एक गड्ढा खोदकर कीचड़ में
पोटली करते भस्म।

माटी तिहार के आयोजन में
जन सहयोग भी लेते,
सड़कों में अवरोधक बनाकर
राहगीरों से चंदा लेते।

माटी तिहार के मूल- मंत्र है
सुख-समृद्धि की भावना,
माटी के प्रति कृतज्ञता सहित
अच्छी फसल की कामना।

(मेरी सप्तम कृति : ‘सतरंगी बस्तर’ से..)

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक
टैलेंट आइकॉन – 2022

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 43 Views
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