Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
अवसर सूर्योदय की तरह होते हैं, यदि आप बहुत देर तक प्रतीक्षा
बेटा-बेटी दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ...
ना कोई सुनने वाला है ना कोई पढ़ने वाला है किसे है वक्त कुछ कह
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
साधा तीखी नजरों का निशाना
"प्यार की अनुभूति" (Experience of Love):
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
हर चीज़ मुकम्मल लगती है,तुम साथ मेरे जब होते हो
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
मिटा लो दिल से दिल की दूरियां,
दिल की हरकते दिल ही जाने,
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
नहीं जानता क्या रिश्ता है