*जागो हिंदू विश्व के, हिंदू-हृदय तमाम (कुंडलिया)*

जागो हिंदू विश्व के, हिंदू-हृदय तमाम (कुंडलिया)
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जागो हिंदू विश्व के, हिंदू-हृदय तमाम
घटता है भूगोल में, हिंदू का अब नाम
हिंदू का अब नाम, निरंकुश अत्याचारी
मानवता असहाय, बंधुता कैसी यारी
कहते रवि कविराय, सेज सुख की सब त्यागो
खोलो दोनों नेत्र, हिंदुओं अब तो जागो
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451