मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रक्षाबंधन के शुभअवसर में "सोज" के दोहे
जा तुम्हारी बेवफाई माफ करती हूँ।
ग़ज़ल _ वफ़ा के बदले , वफ़ा मिलेगी ।
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हैरान था सारे सफ़र में मैं, देख कर एक सा ही मंज़र,
"साहित्यकार और पत्रकार दोनों समाज का आइना होते है हर परिस्थि
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
कौड़ी कौड़ी माया जोड़े, रटले राम का नाम।
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।