जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर
एक रिश्ता शुरू हुआ और तेरी मेरी कहानी बनी
रसों में रस बनारस है !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
Lesson we gain from The Ramayana
*दिल में थोडा प्यार जरुरी हैं*
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
भाग्य मे जो नहीं होता है उसके लिए आप कितना भी कोशिश कर लो वो
बिन तिरे इक कमी रही बरसों - संदीप ठाकुर
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्रेम का कोई रूप नहीं होता जब किसी की अनुभूति....
‘ विरोधरस ‘---8. || आलम्बन के अनुभाव || +रमेशराज