ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
*फिर तेरी याद आई दिल रोया है मेरा*
कविवर नीरज जी के प्रति श्रद्धा सुमन व्यक्त करते हुए एक कुंडल
जो मिला उसे स्वीकारो या बदलाव करो,
मेरे यार सारे किसी परिवार से कम नहीं...!!
पश्चाताप - ( किशोर कहानी )
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
आज़ तेरा है कल मेरा हो जायेगा
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
ग्वालियर, ग्वालियर, तू कला का शहर,तेरी भव्यता का कोई सानी नह
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
किसी और से इश्क़ दुबारा नहीं होगा