Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2024 · 2 min read

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें
——————-
सपनों से निकलकर ख्वाहिशें
अंगड़ाईयाँ लें,यह उनका अधिकार है।
सृष्टि में पौरूष,सृष्टि का चमत्कार हैं।

आदमी के लिए आदमी की ख्वाहिसें
बुद्ध बनने की नहीं
सम्राट बनने की होती है।
सपने और ख्वाहिसें गुलाम होती हैं।
स्वार्थ का हो तो तानाशाह।
परम पवित्र हो तो मनुष्य विराट।

महान ख्वाहिशों ने
विस्तारवाद को हवा दी है।
विस्तारवाद ने युद्ध को।
किन्तु, युद्ध की भयावह विभिषिका ने
विरत किया है योद्धा को।
यह किसी ख्वाहिश का पतन नहीं
बल्कि दिया हुआ वरदान उत्थान को।

खगों की ख्वाहिशें
आजाद आसमान है।
और आम आदमी की
मर्यादित गुलामी,
यह जिन्दगी के उधेड़बुनों का।
स्व के सत्य का, नितांत अपमान है।

जन्म लेने की ख्वाहिश
इच्छामृत्यु का वरदान बने।
मर जाने की ख्वाहिश
पुर्नजन्म में ख्वाहिशें जीने का
इन्तजाम बने।

क्षण की ख्वाहिश
क्षण रह जाना नहीं होता।
बड़ा होना ही ख्वाहिश है।

बड़ी शिद्दतों से पाली जाती हैं ख्वाहिशें।
बड़ी जिद्दी बनाई जाती हैं
तोड़ते टूटती नहीं
जाती है तोड़ जिन्दगीयाँ,परम्पराएँ,मान्यताएं।
और आदमी।

इतिहास,भूगोल,गणित,अर्थशास्त्र,ज्ञान-विज्ञान
सबसे दीक्षित होना नीयत है इसकी।
नहीं हो तो तय फजीहत है इसकी।

उम्र चिरंतन है इसकी
एक से दूसरे को हस्तरांतरित।
लिए रहती है पुनर्जन्म।
युवा,बुढ़ापा कुछ नहीं।
सुरसा के मुख की तरह बढ़ना प्रकृति है इसकी।
किन्तु,अकाल मृत्यु ही नियति है इसकी।

ईश्वर बनने की तुम्हारी पाशविक ख्वाहिशों ने हमें
विजयी बनने की तुम्हारी पराजित ख्वाहिशों ने हमें
कुबेर बनने की तुम्हारी दरिद्र ख्वाहिशों ने हमें
अतीव पीड़ा दिये हैं
मनुष्य की श्रेणी से पतित करने की
तुम्हारी कुत्सित ख्वाहिशों से
मर्माहत हुए हम।

ख्वाहिशें हैं सर्वदा युवा रहने को श्रापित।
निरंतन रहने को मोहित।
आदिम नहीं है ख्वाहिश।
अन्तिम नहीं है ख्वाहिश।
चित्त की विह्वलता मात्र है ख्वाहिश।
विरासतता का कुपात्र है ख्वाहिश।

तुम्हारी ख्वाहिशों को श्राप
तुम्हारी ख्वाहिशों को आशीष
जो चाहिये
सपने का बीज वैसा रोपो।
——————————9-7-24

Language: Hindi
57 Views

You may also like these posts

आसमाँ  इतना भी दूर नहीं -
आसमाँ इतना भी दूर नहीं -
Atul "Krishn"
काजल की महीन रेखा
काजल की महीन रेखा
Awadhesh Singh
अपूर्ण नींद एक नशे के समान है ।
अपूर्ण नींद एक नशे के समान है ।
Rj Anand Prajapati
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
Shweta Soni
वेलेंटाइन डे स्पेशल
वेलेंटाइन डे स्पेशल
Akash RC Sharma
बीती बिसरी
बीती बिसरी
Dr. Rajeev Jain
” मेरी लेखनी “
” मेरी लेखनी “
ज्योति
प्राणियों में आरोग्य प्रदान करने की पूर्ण शक्ति रखने वाला आं
प्राणियों में आरोग्य प्रदान करने की पूर्ण शक्ति रखने वाला आं
Shashi kala vyas
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं
Dr fauzia Naseem shad
बैठे थे किसी की याद में
बैठे थे किसी की याद में
Sonit Parjapati
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
"जख्म की गहराई"
Yogendra Chaturwedi
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
A Picture Taken Long Ago!
A Picture Taken Long Ago!
R. H. SRIDEVI
मौन की भाषा
मौन की भाषा
Ritu Asooja
" क्यों "
Dr. Kishan tandon kranti
"যবনিকা"
Pijush Kanti Das
व्यथा दिल की
व्यथा दिल की
Devesh Bharadwaj
अग्नि कन्या बीना दास
अग्नि कन्या बीना दास
Dr.Pratibha Prakash
पानी जैसा बनो रे मानव
पानी जैसा बनो रे मानव
Neelam Sharma
THE STORY OF MY CHILDHOOD
THE STORY OF MY CHILDHOOD
ASHISH KUMAR SINGH
गांव गलियां मुस्कुराएं,
गांव गलियां मुस्कुराएं,
TAMANNA BILASPURI
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
अरमान
अरमान
अखिलेश 'अखिल'
तप्त हृदय को , सरस स्नेह से ,
तप्त हृदय को , सरस स्नेह से ,
Kanchan Gupta
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
पूर्वार्थ
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
Sandeep Kumar
बेशकीमती हँसी
बेशकीमती हँसी
हिमांशु Kulshrestha
Loading...