Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2024 · 2 min read

छत्रपति शिवाजी महाराज

भारत मां के दिव्य भाल पर जब दाग दिखाई देता था
राजमहल के फरमानों में जजिया का राग सुनाई देता था
सिंहासन मदमस्त हुआ था सब मौसम बेनूर हुए
आजादी पर पहरा था सपने चकनाचूर हुए
सब राजे महाराजे चुप बैठे थे वो लोभ लोलुपता वाले थे
भीष्म प्रतिज्ञा लेकर बैठे थे अर्जुन के मुंह पर ताले थे
इस घोर कुहासे में भी जिसने रश्मिरथी के घोड़े साजे थे
वे कोई और नहीं थे छत्रपति शिव जी राजे थे
जिसने जीजा मां के आदर्शो को मान दिया था
गुरु कोणदेव की शिक्षा को सम्मान दिया था
दाग गुलामी वाले हर फरमान को जिसने फाड़ दिया
आदिल शाह की छाती पर स्वराज का झंडा गाड़ दिया
जीता जब दुर्ग पन्हाला, रायगढ़ पर भगवा लहराया था
तख्त हिले थे दक्कन के दिल्ली तक थर्राया था
अपने भुज बल से जिसने नित नए आयाम गढ़े
राजे की रक्षा में जब वीर मावले खड़े रहे
निकली मावलो की सेना जब निज इतिहास बनाने को
रण चंडी भी निकल पड़ी थी खप्पर भर लाने को
एक मराठा तब सौ सौ अरियो पर भारी पड़ता था
लेकर नाम शिवा जी का जब रण भूमि में वो लड़ता था
देख कला कौशल रण वीरो का अरि दल में विस्मय छाया
राजे मिलने आए अफजल खान ने संदेशा भिजवाया
मिलने पहुंचे जब राजे उस दुष्ट ने उनको पकड़ लिया
मानो सिंह को जैसे उसने अपनी बाहों में जकड़ लिया
राजे ने फिर बाघ नख से उस पर वार किया
मानो नरसिंह ने जैसे हिरणाकश्यप फार दिया
बजा शंख हुआ जय घोष नगाड़ों से
रण भूमि भर गई हर हर महादेव के नारों से
देख नजारा दक्कन का औरंगजेब भी घबराया
डेढ़ लाख की सेना को दुर्ग पुणे फिर भिजवाया
यहां मराठे मचल उठे थे हर प्रतिशोध मिटाने को
रक्त तप्त तलवारों से मुगलों का लहू बहाने को
तब चार सौ मराठे राजे संग बिजली बन कर टूटे थे
मानो महादेव महाकाल बन रण भूमि में कूदे थे
राजे ने फिर रणभूमि को मुगलों की लाशों से पाट दिया
शाइस्ता खान के बेटो को गाजर मूली संग काट दिया
धन्य धन्य ये भारत भूमि इसका राजे ने मान बढ़ाया था
धन्य हुई वो मां जिसने निज सूत सिंह बनाया था
ऐसे राजे की स्तुति में मैं गीत सुनाता हूं
कर जोड़ी नमन उनको मैं श्रद्धा सुमन चढ़ता हूं

Language: Hindi
1 Like · 40 Views

You may also like these posts

कविता -
कविता -
Mahendra Narayan
- रिश्तो का अत्याचार -
- रिश्तो का अत्याचार -
bharat gehlot
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Yogmaya Sharma
शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
Ritu Asooja
छुट भैया नेता
छुट भैया नेता
Dr. P.C. Bisen
उदर-विकार
उदर-विकार
Khajan Singh Nain
जुनून
जुनून
Sunil Maheshwari
दुनिया का सबसे अमीर आदमी होना और दुनिया में अपने देश को सबसे
दुनिया का सबसे अमीर आदमी होना और दुनिया में अपने देश को सबसे
Rj Anand Prajapati
दिल से
दिल से
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*अभी और कभी*
*अभी और कभी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"अकेडमी वाला इश्क़"
Lohit Tamta
हिंदी दिवस को प्रणाम
हिंदी दिवस को प्रणाम
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
■ताज़ा शोध■
■ताज़ा शोध■
*प्रणय*
पावस
पावस
लक्ष्मी सिंह
बेवफाई से मिली तन्हाई
बेवफाई से मिली तन्हाई
Krishna Manshi
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
Neelam Sharma
वह है बहन।
वह है बहन।
Satish Srijan
जुबां
जुबां
Sanjay ' शून्य'
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
goutam shaw
पगली
पगली
Kanchan Khanna
दोहा -: कहें सुधीर कविराय
दोहा -: कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
*सरस्वती वंदना*
*सरस्वती वंदना*
Shashank Mishra
सामाजिक कविता: पाना क्या?
सामाजिक कविता: पाना क्या?
Rajesh Kumar Arjun
मुक्तक 2
मुक्तक 2
SURYA PRAKASH SHARMA
विभूता
विभूता
Shekhar Deshmukh
” जिंदगी ”
” जिंदगी ”
Rati Raj
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
गज़ल
गज़ल
Jai Prakash Srivastav
Loading...