*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
" आप बलरहे हो कि ये दुनिया नहीं है मेरे लिए मगर ईश्वर ने तो
अंत में कुछ नहीं बचता है..हम हँस नहीं पाते हैं
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
कसौटी से गुजारा जा रहा है
"सब भाषा अछि जग मे सुन्दर "
बधाई का गणित / *मुसाफ़िर बैठा
52.....रज्ज़ मुसम्मन मतवी मख़बोन
खुद देख सको देखो ये हाल तुम्हारे हैं।
I9BET là nhà cái cá cược trực tuyến đình đám trên thị trường
माँ का प्यार
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
*कागज की नाव (बाल कविता)*