एक कदम हम बढ़ाते हैं ....🏃🏿
हर पल तुमको खोने का डर...
एक आप ही तो नही इस जहां में खूबसूरत।
गीत- ये हिंदुस्तान की धरती...
जब कोई हो पानी के बिन……….
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
जादू की झप्पी, माँ का पल्लू
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
#आधार
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
"उम्रों के बूढे हुए जिस्मो को लांघकर ,अगर कभी हम मिले तो उस
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है