“सब भाषा अछि जग मे सुन्दर “

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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सीखू आहाँ विश्व केर भाषा,
मधुर सब बोल बाजैत छथि !
कोनो संकोच जूनि करू ,
गूगल सबटा सिखाबैत छथि !!
जुड़ू आहाँ विश्व मे सबसँ ,
मुदा विसरब नहिं कहियो !
आहाँ छी मिथिला केँ वासी,
अपन भाषा केँ नहिं छोडियो !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल