तुम प्रेम सदा सबसे करना ।
एक कहानी सुनाए बड़ी जोर से आई है।सुनोगे ना चलो सुन ही लो
**जाते-जाते वो हम से वफ़ा कर गए**
रानी दुर्गावती (रोला छंद)
बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेई
नजरें खुद की, जो अक्स से अपने टकराती हैं।
*"तुम प्रीत रूप हो माँ "*
"पनघट की गोरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
लोकतन्त्र के हत्यारे अब वोट मांगने आएंगे
ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,