Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2024 · 1 min read

मुश्किल है जिंदगी में ख्वाबों का ठहर जाना,

मुश्किल है जिंदगी में ख्वाबों का ठहर जाना,
मुश्किल है तेरे दिल में थोड़ी सी जगह बनाना।।
जिस पर टिकी निगाहें दिल तोड दिया उसने,
मुश्किल है जिंदगी में ख्वाबों के घर बनाना ।।
Phool gufran

57 Views

You may also like these posts

बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
बहनों की मोहब्बत की है अज़्मत की अलामत
पूर्वार्थ
ख्वाब एक टूटा...
ख्वाब एक टूटा...
Vivek Pandey
वसन्त
वसन्त
Madhuri mahakash
Don't Be Judgemental...!!
Don't Be Judgemental...!!
Ravi Betulwala
प्रेम
प्रेम
Roopali Sharma
गुरुवर अनंत वाणी
गुरुवर अनंत वाणी
Anant Yadav
*मिलती जीवन में खुशी, रहते तब तक रंग (कुंडलिया)*
*मिलती जीवन में खुशी, रहते तब तक रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
Ravikesh Jha
* पहेली *
* पहेली *
surenderpal vaidya
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
3923.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मेरा भगवान तेरा भगवान
मेरा भगवान तेरा भगवान
Mandar Gangal
- आजकल के रिश्ते व रिश्तेदार -
- आजकल के रिश्ते व रिश्तेदार -
bharat gehlot
जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
Rj Anand Prajapati
दुआ नहीं होना
दुआ नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
मिलती है जब ख़ुशी तुझे, मिलता मुझे भी खुशियाॅं अपार।
मिलती है जब ख़ुशी तुझे, मिलता मुझे भी खुशियाॅं अपार।
Ajit Kumar "Karn"
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
हम अरण्यरोदण बेवसी के जालों में उलझते रह गए ! हमें लगता है क
हम अरण्यरोदण बेवसी के जालों में उलझते रह गए ! हमें लगता है क
DrLakshman Jha Parimal
आ बढ़ चलें मंजिल की ओर....!
आ बढ़ चलें मंजिल की ओर....!
VEDANTA PATEL
#पीरपुष्प
#पीरपुष्प
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
क्या
क्या
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्त न बन सकी
दोस्त न बन सकी
Satish Srijan
तुम लौट तो आये,
तुम लौट तो आये,
लक्ष्मी सिंह
नास्तिकता
नास्तिकता
मनोज कर्ण
प्रेम के बहुत चेहरे हैं
प्रेम के बहुत चेहरे हैं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
With and without.
With and without.
Priya princess panwar
👍
👍
*प्रणय*
एक रचयिता  सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
एक रचयिता सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
Dr.Pratibha Prakash
ग्रुप एडमिन की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है (प्रधानाचार्य इस
ग्रुप एडमिन की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है (प्रधानाचार्य इस
Ashwini sharma
Loading...