*ऋषि अगस्त्य ने राह सुझाई (कुछ चौपाइयॉं)*
मैंने सीखा है कि यदि आपको उस जगह को छोड़ना पड़े जहाँ आपने जी
जो ये समझते हैं कि, बेटियां बोझ है कन्धे का
मधुमास में बृंदावन
Anamika Tiwari 'annpurna '
आज़ तेरा है कल मेरा हो जायेगा
स्त्री संयम में तब ही रहेगी जब पुरुष के भीतर शक्ति हो
#खोटे सिक्के
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
■ ऋणम कृत्वा घृतं पिवेत।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
Maybe this is me right now
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
राखी पावन त्यौहार
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही