Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2024 · 1 min read

दुनिया के मशहूर उद्यमी

दुनिया के मशहूर उद्यमी
जिनकी पहचान थी सादगी
अनगिनत लोगों के मार्गदर्शक
दूरदृष्टि वाले और कर्मठ

आज हुए धरती से विदा
याद आएंगे बहुत, अलविदा
हजारों आंखें याद में है नम
देश के अनमोल रतन, आपको नमन

चित्रा बिष्ट

142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Chitra Bisht
View all

You may also like these posts

"लोहा"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल कविता
बाल कविता
Raj kumar
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
*प्रणय प्रभात*
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Top nhà cái uy tín luôn đảm bảo an toàn, bảo mật thông tin n
Topnhacai
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ना जाने क्यों?
ना जाने क्यों?
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
“शिक्षा के दीपक”
“शिक्षा के दीपक”
Yogendra Chaturwedi
Don't pluck the flowers
Don't pluck the flowers
VINOD CHAUHAN
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
आंखें भी खोलनी पड़ती है साहब,
आंखें भी खोलनी पड़ती है साहब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्नेह का नाता
स्नेह का नाता
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
यकीनन जहाँ से सबको लगता है कि मेरा खात्मा है,
यकीनन जहाँ से सबको लगता है कि मेरा खात्मा है,
jyoti jwala
मामीजी ।
मामीजी ।
Kanchan Alok Malu
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
कुदरत और भाग्य......एक सच
कुदरत और भाग्य......एक सच
Neeraj Kumar Agarwal
1) आखिर क्यों ?
1) आखिर क्यों ?
पूनम झा 'प्रथमा'
तुम में एहसास
तुम में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
जीवन का सार
जीवन का सार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
तोहर स्नेह
तोहर स्नेह
श्रीहर्ष आचार्य
“बनावटी बातें”
“बनावटी बातें”
ओसमणी साहू 'ओश'
इंसानियत खो गई
इंसानियत खो गई
Pratibha Pandey
आंगन की किलकारी बेटी,
आंगन की किलकारी बेटी,
Vindhya Prakash Mishra
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
4694.*पूर्णिका*
4694.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग्रन्थ
ग्रन्थ
Satish Srijan
- टेबिल टेनिस मेरे मन में छा गया टेबिल टेनिस वाली मन में आ गई -
- टेबिल टेनिस मेरे मन में छा गया टेबिल टेनिस वाली मन में आ गई -
bharat gehlot
तुम
तुम
हिमांशु Kulshrestha
मायके से लौटा मन
मायके से लौटा मन
Shweta Soni
Loading...