Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2024 · 1 min read

“युग -पुरुष “

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
=================
रहो तुम
प्यार से जुड़कर ,
नहीं प्रतिवाद
तुम करना !
मिली हैं
नियामतें तुमको ,
उसे जुड़कर
सदा रहना !!
बनो हमदर्द
तुम सबका ,
सभी से प्यार
तुम करना !
फिसल जाए
कोई साथी ,
सहारा उसको
तुम देना !!
सुबह हर
दिन ही आता है,
करें हम
सबका ही वंदन !
सभी की
पूर्ण हो आशा ,
सफलता का
लगे चन्दन !!
बड़ों के
सामने झुक कर ,
उन्हें सत्कार
करना है !
सफल हों
जिंदगी में भी,
हमें आशीष
लेना है !!
सिखाओ तुम
हुनर अपना,
जो तुमसे हैं
अनुज अपने !
पढ़ाओ पाठ
जीवन का ,
सफल उनके
करो सपने !!
करोगे तुम
भला जग में,
तुम्हें सब
याद कर लेंगे !
रहोगे “युग पुरुष”
सब दिन,
नया इतिहास
रच लेंगे !!
================
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
21.09.2024

Language: Hindi
82 Views

You may also like these posts

आईना
आईना
Arvina
कृष्ण भक्ति में मैं तो हो गई लीन...
कृष्ण भक्ति में मैं तो हो गई लीन...
Jyoti Khari
जीवन जिज्ञासा
जीवन जिज्ञासा
Saraswati Bajpai
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
Ashwini sharma
चाल समय के अश्व की,
चाल समय के अश्व की,
sushil sarna
..
..
*प्रणय*
ज़माने में हर कोई अब अपनी सहूलियत से चलता है।
ज़माने में हर कोई अब अपनी सहूलियत से चलता है।
शिव प्रताप लोधी
इन्तिज़ार,
इन्तिज़ार,
हिमांशु Kulshrestha
Success Story -3
Success Story -3
Piyush Goel
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
देख रे भईया फेर बरसा ह आवत हे......
रेवा राम बांधे
हमें सकारात्मक और नकारात्मक के बीच संबंध मजबूत करना होगा, तभ
हमें सकारात्मक और नकारात्मक के बीच संबंध मजबूत करना होगा, तभ
Ravikesh Jha
सपना
सपना
Chaahat
मचलने लगता है सावन
मचलने लगता है सावन
Dr Archana Gupta
अधिकतर ये जो शिकायत करने  व दुःख सुनाने वाला मन होता है यह श
अधिकतर ये जो शिकायत करने व दुःख सुनाने वाला मन होता है यह श
Pankaj Kushwaha
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
REVATI RAMAN PANDEY
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
Manisha Manjari
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
अंसार एटवी
"आम आदमी"
Shakuntla Agarwal
साल ये अतीत के,,,,
साल ये अतीत के,,,,
Shweta Soni
वो भी क्या दिन थे ...( एक उम्र दराज़ की दास्तान )
वो भी क्या दिन थे ...( एक उम्र दराज़ की दास्तान )
ओनिका सेतिया 'अनु '
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
Harminder Kaur
2899.*पूर्णिका*
2899.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
शेखर सिंह
वो मेरे हर सब्र का इम्तेहान लेती है,
वो मेरे हर सब्र का इम्तेहान लेती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*कुछ शेष है अब भी*
*कुछ शेष है अब भी*
अमित मिश्र
माँ की कहानी बेटी की ज़ुबानी
माँ की कहानी बेटी की ज़ुबानी
Rekha Drolia
यादों की बारिश
यादों की बारिश
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
"वसीयत"
Dr. Kishan tandon kranti
शिर्डी साईं
शिर्डी साईं
C S Santoshi
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
तुमने अखबारों में पढ़ी है बेरोज़गारी को
Keshav kishor Kumar
Loading...