Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2024 · 2 min read

*जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर*

जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर
__________________________
रामपुर में ‘जैन पब्लिक लाइब्रेरी’ की स्थापना 1 अक्टूबर 1936 को फूटा महल (निकट मिस्टन गंज) में हुई थी। उस समय रियासती शासन था।

लाइब्रेरी के अध्यक्ष का दायित्व लक्ष्मी प्रसाद जैन ‘शाद’ एडवोकेट को सौंपा गया। आपकी आयु उस समय 33 वर्ष की थी। युवावस्था का उत्साह था। आपने जैन पब्लिक लाइब्रेरी को हिंदी-उर्दू के एक सक्रिय मंच में बदल दिया। पाठक यहॉं आकर समाचार पत्र-पुस्तकें भी पढ़ते थे और रोजाना ही अक्सर शाम को शायरों की महफिल भी जमती थी। मोहल्ला फूटा महल जैन पब्लिक लाइब्रेरी के कारण एक साहित्यिक केंद्र बन गया था। लाइब्रेरी के संस्थापक सेक्रेटरी श्री राजकुमार बने।

रियासत कालीन प्रमुख साप्ताहिक ‘दबदबा सिकंदरी’ के अंक दिनांक 7 – 12 – 36 के अनुसार यह लाइब्रेरी सुबह 8:00 से 9:30 तक और सायं काल 4:30 से 8:00 बजे तक खुलती थी।
जब तक लक्ष्मी प्रसाद जैन ‘शाद’ एडवोकेट में दम-खम रहा, लाइब्रेरी पूरी शान से चली। इस लाइब्रेरी में जैन धर्म के साथ-साथ विभिन्न धर्मो के विचारों से भरी पत्र-पत्रिकाऍं और पुस्तकें एकत्र की जाती थीं।

जैन पब्लिक लाइब्रेरी के भूतपूर्व लाइब्रेरी-मंत्री अंकुर जैन (आयु लगभग 37 वर्ष) से बातचीत करने पर पता चला कि आप लगभग 2014 से 2017 के मध्य जैन पब्लिक लाइब्रेरी के मंत्री रहे थे। लंबे समय से बंद पड़ी लाइब्रेरी को आपने खुलवाया। फर्श आदि की मरम्मत कराकर फर्नीचर का प्रबंध किया। लाइब्रेरी को बैठने और पढ़ने के लायक बनाया। लोग आना शुरू हो गए। तीन वर्ष तक सिलसिला अच्छा चला। उसके बाद यह फिर से बंद पड़ी है।

फूटा महल स्थित जैन मंदिर में लगभग बारह वर्ष से देखभाल कर रहे चौकीदार से पता चला कि लगभग सात वर्ष से लाइब्रेरी बंद पड़ी है। उक्त सज्जन के अनुसार उससे पहले लाइब्रेरी खुलती अवश्य थी लेकिन संख्या कम ही रहती थी। लाइब्रेरी में बैठने की ड्यूटी उपरोक्त चौकीदार की ही थी।

प्रसिद्ध इतिहासकार रमेश कुमार जैन से बातचीत करने पर पता चला कि फिलहाल लाइब्रेरी नहीं खुल रही है। लेकिन लक्ष्मी प्रसाद जैन ‘शाद’ एडवोकेट के जमाने में यह शेरो-शायरी की महफिल का भी केंद्र हुआ करती थी। रमेश कुमार जैन ने सितंबर 1985 में ‘शाद की रचनाऍं’ शीर्षक से एक 32 पृष्ठ की पुस्तक भी प्रकाशित की थी।

जैन तरुण परिषद, रामपुर ने 12 अक्टूबर 1985 को लक्ष्मी प्रसाद जैन शाद एडवोकेट का अभिनंदन किया था। इस अभिनंदन पत्र में अध्यक्ष रमेश चंद्र जैन सेठी तथा सचिव मनोज कुमार जैन द्वारा प्रस्तुत अभिनंदन पत्र में जैन पब्लिक लाइब्रेरी के विषय में लिखा गया था कि लक्ष्मी प्रसाद जैन एडवोकेट ने अपनी कार्य कुशलता से पब्लिक जैन लाइब्रेरी को रामपुर की एक महत्वपूर्ण और उपयोगी संस्था बनाया।

संक्षेप में रामपुर में रियासती काल के दौरान शुरू हुई लाइब्रेरियों में जैन पब्लिक लाइब्रेरी का स्वयं में एक ऐतिहासिक स्थान है।
——————————————
लेखक : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज) रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451
दिनांक 11 मार्च 2024
——————————————
संदर्भ :
1) शाद की रचनाऍं: प्रकाशक रजत मानवीय केंद्र, बाबू आनंद कुमार जैन मार्ग, रामपुर, प्रकाशन वर्ष सितंबर 1985
2) लक्ष्मी प्रसाद जैन शाद एडवोकेट को जैन तरुण परिषद, रामपुर द्वारा प्रस्तुत अभिनंदन पत्र दिनांक 12 अक्टूबर 1985
3) रामपुर का इतिहास: लेखक शौकत अली खॉं एडवोकेट, प्रकाशन वर्ष 2009

85 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

*हमारा छत्तीसगढ़ महान है*
*हमारा छत्तीसगढ़ महान है*
Krishna Manshi
एक जहाँ हम हैं
एक जहाँ हम हैं
Dr fauzia Naseem shad
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल,
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल,
Sunil Maheshwari
खंभों के बीच आदमी
खंभों के बीच आदमी
राकेश पाठक कठारा
अनवरत
अनवरत
Sudhir srivastava
मेरा गाँव
मेरा गाँव
श्रीहर्ष आचार्य
संवेग बने मरणासन्न
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
गुलाबी स्त्रियां
गुलाबी स्त्रियां
Meenakshi Bhatnagar
धड़कन-धड़कन साँस-साँस कुछ कहती है,
धड़कन-धड़कन साँस-साँस कुछ कहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मिजाज मेरे गांव की....
मिजाज मेरे गांव की....
Awadhesh Kumar Singh
3393⚘ *पूर्णिका* ⚘
3393⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
संवेदना...2
संवेदना...2
Neeraj Agarwal
"विक्रम" उतरा चाँद पर
Satish Srijan
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
Ravi Prakash
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
Sunil Suman
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
Kavita Chouhan
अपनों की चिंता करते करते,
अपनों की चिंता करते करते,
श्याम सांवरा
#शिकायत#
#शिकायत#
Madhavi Srivastava
मुझे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान हैं बहुत लोग,
मुझे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान हैं बहुत लोग,
Ranjeet kumar patre
कर्णधार
कर्णधार
Shyam Sundar Subramanian
मौसम आया फाग का,
मौसम आया फाग का,
sushil sarna
रफ़्ता रफ़्ता (एक नई ग़ज़ल)
रफ़्ता रफ़्ता (एक नई ग़ज़ल)
Vinit kumar
"दोस्ती की उम्र "
Dr. Kishan tandon kranti
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
"मेरा जिक्र"
Lohit Tamta
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
ruby kumari
बारिश में संग मेरे भीग जाया करो
बारिश में संग मेरे भीग जाया करो
Jyoti Roshni
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
Neelofar Khan
सूरज का होना
सूरज का होना
पूर्वार्थ
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Loading...