Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

” सनद “

” सनद ”
अपनी बेगुनाही की सनद
जो तुम दिखाने निकले,
कि पैमाने भी छलक गए
‘किशन’ सिर्फ तकरारों में।

2 Likes · 2 Comments · 100 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

4318.💐 *पूर्णिका* 💐
4318.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज की नारी
आज की नारी
Shriyansh Gupta
प्रेम कविता ||•
प्रेम कविता ||•
पूर्वार्थ
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
मुक्तक
मुक्तक
Yogmaya Sharma
रहता  है  जिसका  जैसा  व्यवहार,
रहता है जिसका जैसा व्यवहार,
Ajit Kumar "Karn"
काम है
काम है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रियतमा और कॉफी
प्रियतमा और कॉफी
शशि कांत श्रीवास्तव
किराये का घर
किराये का घर
Kaviraag
कविता
कविता
Mahendra Narayan
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
Suryakant Dwivedi
..
..
*प्रणय*
पागल प्रेम
पागल प्रेम
भरत कुमार सोलंकी
बरसों बरस बाद प्रियतम के
बरसों बरस बाद प्रियतम के
Mahesh Tiwari 'Ayan'
समाज सेवक पुर्वज
समाज सेवक पुर्वज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"शिक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
*शूल  फ़ूलों  बिना बिखर जाएँगे*
*शूल फ़ूलों बिना बिखर जाएँगे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
Harminder Kaur
*राम अर्थ है भारत का अब, भारत मतलब राम है (गीत)*
*राम अर्थ है भारत का अब, भारत मतलब राम है (गीत)*
Ravi Prakash
जिंदगी की कहानी लिखने में
जिंदगी की कहानी लिखने में
Shweta Soni
आदमी
आदमी
Dr. Bharati Varma Bourai
बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया
बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया
डॉ. एकान्त नेगी
जनसंख्या का भार
जनसंख्या का भार
Vishnu Prasad 'panchotiya'
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
gurudeenverma198
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
परिवर्तन
परिवर्तन
विनोद सिल्ला
जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्
जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्
Sanjay ' शून्य'
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
शेखर सिंह
Loading...