हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
रामचरितमानस दर्शन : एक पठनीय समीक्षात्मक पुस्तक
मुझे इश्क है तुझसे ये किसी से छुपा नहीं
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
क्यों सताता है रे अशांत मन,
बाल-कर्मवीर
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
आदिवासी और दलित अस्मिता का मौलिक फर्क / मुसाफिर बैठा
बदलती हवाओं का स्पर्श पाकर कहीं विकराल ना हो जाए।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
आप शिक्षकों को जिस तरह से अनुशासन सिखा और प्रचारित कर रहें ह
मजबूत इरादे मुश्किल चुनौतियों से भी जीत जाते हैं।।
"आंधी के पानी में" (In the Waters of Storm):
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
आपको देखकर _दिल को ऐसा लगा
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में